इस पोस्ट में छोटी के बच्चों के लिए कुछ हिंदी बाल कविताएँ (Hindi Kids Poem) लिखी गयी है। नीचे दी गयी सभी कविताएँ आसान व सरल भाषा में लिखी गयी है। नर्सरी से पाँचवी कक्षा के बच्चे इन कविताओं को आसानी से याद कर सकते हैं।
Hindi Kavita for Kids -बच्चों के लिए हिंदी कवितायें
1. सपना देखा
एक सुहाना सपना देखा,
सपना देखा रे!
सपने में देखा एक सर्कस
सर्कस में था जोकर,
मन बहलाता था वह सबका
हँसकर, गाकर, रोकर।
मैं बोला-जोकर जी कोई
करतब नया दिखाओ,
तुरत निकाला आम कहीं से
जोकर बोला-खाओ!
खाते ही मुझको तो भाई
दिखने लगे सितारे,
हर तारे पर जोकर बैठा
संग लिए गुब्बारे।
बड़ा गजब एक सपना देखा,
सपना देखा रे!
जगमग-जगमग एक किला था
किला बड़ा अलबेला,
तरह-तरह की पगड़ी वाले
लोगों का था मेला।
मैं बोला-जी, क्या चक्कर है
इतने में क्या देखा,
सबके चेहरे पर खिंच आई
हैरानी की रेखा।
नेता!नेता! चिल्लाए सब
हार इसे पहनाओ
बढ़िया बरफी पिस्ते वाली
राजभोग खिलवाओ।
छककर खाई बरफी मैंने
छककर बालूशाही,
सुबह उठाया अम्माँ ने तो
चुपके से मुसकाई।
सपने में कुछ बोल रहा था-
क्या-क्या देखा रे?
बड़ा अनोखा सपना देखा
सपना देखा रे!
2. कुछ किस्से नए सुना लें
कुछ किस्से नए सुना लें,
कुछ मीठे गाने गा लें।
गुनगुना आज मौसम है
छोड़ो सब रोना-धोना,
कुछ गुब्बारे ले आएँ,
एक नन्हा रेल-खिलौना।
भैया, तुम रेल चलाना,
हम झंडी जरा हिला लें!
तुम बौने लेकर आना
हम सोने जैसी परियाँ,
फूलों की पोशाकें हों
बस, फूलों की ही छड़ियाँ।
सब मिल सपना बन जाए,
हम मिलकर उसे उछालें!
यह हवा कभी चुपके से
कहती है कथा-कहानी,
मन करता, बस्ता पटको
कर लो थोड़ी शैतानी।
तितली के पीछे दौड़ें-
हम खुशबू जरा उड़ा लें!
कुछ डाँट-डपट पापा की
मम्मी की बातें मीठी,
एक चूँ-चूँ करती चिड़िया
एक पीं-पीं करती सीटी।
इक गीत अजब-सा इनका
हम नए सुरों में ढालें!
3. ये नाटक है
ये नाटक है, ये नाटक है
ये नाटक है…!
नाटक में, नाटक में भैया
नाटक है…
हंसी-खुशी का रंग-बिरंगा
नाटक है!
एक तरफ से राजा आए
एक तरफ से रानी,
राजा ऊँचे, लंबे-लंबे
रानी है अभिमानी।
रानी ने कुछ बात कही तो
राजा सुर में आए,
हाथ बढ़ाकर आसमान के
तारे झट ले आए।
रानी के बालों में गूँथे,
बोले-खुश हो रानी?
हँस दी, हँस दी, हँस दी, देखो
झट से खड़े हुए तब राजा
लंबे हाथ बढ़ाए,
हाथ बढ़कर आसमान के
तारे झट ले आए।
रानी के बालों में गूँथे,
बोले-खुश हो रानी?
हँस दी, हँस दी, हँस दी, देखो
वह रानी अभिमानी।
रानी के ही संग-संग हँसती
उसकी बिल्ली कानी,
भोंदू कुत्ता उछल रहा है
उसको है हैरानी!
परदे पर अब खुला
कथा का फाटक है!
ये नाटक है, ये नाटक है
ये नाटक है…!
हर दिन भैया नया-नया
एक नाटक है,
परदे पर ये हँसी-खुशी का
नाटक है
4. पंपापुर जाना है
पंपापुर जाना है हमको
पंपापुर जाना है,
पंपापुर जाकर मस्ती का
रंग जमाना है!…
पंपापुर जाना है!
पंपापुर जिसमें बच्चों की
इक दुनिया है प्यारी,
खेलकूद, सर्कस, मेलों में
खुशियाँ बिखरीं सारी।
पंपापुर में अलग सभी से
रंग, रंग, बस रंग,
पंपापुर में है जीने का
एक नया ही ढंग।
पंपापुर में तो सपनों का
ताना-बाना है,
पंपापुर से अजी हमारा
प्यार पुराना है।
भूल गए हम पंपापुर को
पंपापुर भी भूला,
पर पंपापुर जाना है अब
पंपापुर जाना है!
पंपापुर जाकर फूलों से
थोड़ा हम खेलेंगे,
नाचेंगे हम झूम-झूमकर
हाथ-हाथ में लेंगे।
पंपापुर में नाटक-कविता
या प्यारी कव्वाली,
पंपापुर में रोज मनेगी
हाँ, अपनी दीवाली!
चलो-चलो जी, आज चलेगा
नहीं बहाना है,
नहीं वहाँ कुछ भी खोना है
सब कुछ बस पाना है!
पंपापुर जाना है-
हमको पंपापुर जाना है!
पंपापुर में खेल-कूद की
है सबको आजादी
किस्से खूब सुनाया करती
थी कल तक यह दादी।
पंपापुर में खुशी-खुशी,
हर बच्चा नाच दिखाए,
पंपापुर में फूल-फूल, हर तितली
सुर में गाए!
गाना है-गाते-गाते ही
पंपापुर जाना है,
पंपापुर में बच्चों का
एक देश बसाना है।
पंपापुर…पंपापुर…मन में,
एक तराना है!
पंपापुर जाना है
हमको पंपापुर जाना है।
Hindi Poems for Class 3 Students
5. वह कविता रच जाओ
नहीं कभी घबराओ, तुम
नहीं कभी झुँझलाओ तुम,
एक नई दुनिया रचने को
आगे कदम बढ़ाओ तुम!
हँसते-गाते काम करो
मुश्किल को आसान करो,
चलो जरा घूमें-घामें-
आलस दूर भगाओ तुम!
आगे जो बढ़ते जाते
सच्चाई को अपनाते,
उनको दोस्त बनाओ तुम-
उनका साथ निभाओ तुम!
हर दिल में हरियाली हो,
नई सुबह की लाली हो,
ऐसे मीठे सपनों का-
मंडप एक सजाओ तुम!
जिससे मन को राह मिले
सुख की ठंडी छाँह मिले,
नेह-उजाला छलकाती-
वह कविता रच जाओ तुम!
6 नील परी
आसमान से हँसती-गाती
नील परी भू पर आती है,
आकर के नन्ही बगिया को
खुशबू से यह भर जाती है।
जादूगर-सी छड़ी लिए है
बैठी बच्चों के सिरहाने,
इसके आते ही फूलों से
झरने लगते मीठे गाने।
इसकी मुसकानें मोती हैं
और चाँद है इसकी बिंदिया,
बच्चे इसको खूब जानते-
कहते हैं-लो आई निंदिया!
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7. चाँद सलोना
चाँद सलोना, चाँद सलोना,
नटखट-सा नन्हा मृगछौना।
दौड़ रहा मन की मस्ती में,
अंबर की उजली बस्ती में।
कभी बादलों में छिप जाता,
कभी उछलकर बाहर आता।
एक रात में ही यह चलकर-
8. जुगनू भैया
जुगनू भैया, जुगनू भैया
ले लो हमसे एक रुपैया।
पहले यह बतलाओ भाई,
तुमने टार्च कहाँ से पाई?
जिसको जला-बुझा करके तुम,
खेल खेलते रहते हरदम!
Kids Hindi Poem (Nursery Poem in Hindi) बाल हिंदी कविताएँ
9. ओ री तितली
ओ री तितली, कहाँ चली तू,
कितनी अच्छी और भली तू!
खूब सँवरकर जब आती है,
रंगों का गाना गाती है।
फूल देखते रह जाते हैं,
खिल-खिल हँसते-मुसकाते हैं।
पंखों में उनकी खुशबू ले,
और हवाओं में बिखरा दे!
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10. मम्मी
परीलोक की कथा-कहानी
हँसकर मुझे सुनातीं मम्मी,
फूलों वाले, तितली वाले
गाने मुझे सिखातीं मम्मी।
खीर बने या गरम पकौड़े
पहले मुझे खिलातीं मम्मी,
होमवर्क पूरा कर लूँ तो-
टॉफी-केक दिलातीं मम्मी।
काम अगर मैं रहूँ टालता
तब थोड़ा झल्लातीं मम्मी,
झटपट झूठ पकड़ लेती हैं
मन-ही-मन मुसकातीं मम्मी।
रूठूँ तो बस बात बनाकर
पल में मुझे मनातीं मम्मी,
बड़ा लाड़ला तू तो मेरा-
कहकर मुझे रिझातीं मम्मी।
11. हाथी का जूता
एक बार हाथी दादा ने
खूब मचाया हल्ला,
चलो तुम्हें मेला दिखला दूँ-
खिलवा दूँ रसगुल्ला।
पहले मेरे लिए कहीं से
लाओ नया लबादा,
अधिक नहीं, बस एक तंबू ही
मुझे सजेगा ज्यादा!
तंबू एक ओढ़कर दादा
मन ही मन मुसकाए,
फिर जूते वाली दुकान पर
झटपट दौड़े आए।
दुकानदार ने घबरा करके
पैरों को जब नापा,
जूता नहीं मिलेगा श्रीमन्-
कह करके वह काँपा।
खोज लिया हर जगह, नहीं जब
मिले कहीं पर जूते,
दादा बोले-छोड़ो मेला
नहीं हमारे बूते!
12. नाना जी
नाना जी, ओ ना जी,
कल फिर आना नाना जी!
बड़ी भली लगती कानों को
अजी छड़ी की ठक-ठक-ठक,
और सुहाने किस्से जिनमें
परियाँ, बौनों की बक-झक।
बुन ना पाता कोई ऐसा
ताना-बाना नाना जी!
खूब झकाझक उजली टोपी
लगती कितनी प्यारी है,
ढीला कुर्ता, काली अचकन
मन जिस पर बलिहारी है।
नानी कहती-बचा यही एक
चाव पुराना, नाना जी!
रोती छुटकी खिल-खिल हँसती
जब चुटकुले सुनाते आप,
हँसकर उसे चिढ़ाते आप
खुद ही मगर मनाते आप।
कोई सीखे अजी, आपसे,
बात बनाना, नाना जी!
सांताक्लाज दंग रह जाए
ऐसे हैं उपहार आपके,
सरपट-सरपट बढ़ते जाते
किस्से अपरंपार आपके।
सच बतलाओ, मिला कहीं से,
छिपा खजाना नाना जी!
नाना जी, ओ नाना जी,
कल फिर आना नाना जी!
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